नयी खेती

रमाशंकर यादव विद्रोही मैं किसान हूँआसमान में धान बो रहा हूँकुछ लोग कह रहे हैंकि पगले! आसमान में धान नहीं जमा करतामैं कहता हूँ पगले!अगर ज़मीन पर भगवान जम सकता…

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कथा देश की (कविता से एक अंश)

रमाशंकर यादव विद्रोही मरने को चे ग्वेरा भी मर गए,और चंद्रशेखर भी,लेकिन वास्तव में कोई नहीं मरा है।सब जिंदा हैं,जब मैं जिंदा हूं,इस अकाल में।मुझे क्या कम मारा गया हैइस…

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