Film Review: “RRR” (2022)

Behind this fast-paced thriller is an attempt to place the legendary figures of Alluri Sitarama Raju and Komaram Bheem within the saffron pantheon.

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‘लोक संस्कृति’ बनाम जनवादी संस्कृति

विविधता को ख़त्म करना, हर संस्कृति, हर पद्धति के विशिष्टता को मिटाना ‘मास प्रोडक्शन’ के दौर की ज़रुरत है। ऐसे समय में लोक संस्कृति को बचाना एवं उसके उत्थान पर ज़ोर देने की ज़रुरत है। इस परिवर्तनकामी परियोजना में जुड़े साथियों के लिए कॉ. निलेश पराग (देवास, मध्य प्रदेश) के कुछ सवाल।

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हर तरफ धुआं है

धूमिल हर तरफ धुआं हैहर तरफ कुहासा हैजो दांतों और दलदलों का दलाल हैवही देशभक्त है अंधकार में सुरक्षित होने का नाम है-तटस्थता।यहांकायरता के चेहरे परसबसे ज्यादा रक्त है।जिसके पास…

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