ग़रीबी
धूमिल ग़रीबीएक ख़ुली हुई क़िताबजो हर समझदारऔर मूर्ख के हाथ में दे दी गई है।कुछ उसे पढ़ते हैंकुछ उसके चित्र देखउलट-पुलट रख देतेनीचे ’शो-केस’ के।
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September 15, 2022
रमाशंकर यादव विद्रोही जब भी किसी ग़रीब आदमी का अपमान करती है ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूँ! इसका गूदा-गूदा…