जनप्रतिरोध

रमाशंकर यादव विद्रोही जब भी किसी ग़रीब आदमी का अपमान करती है ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूँ! इसका गूदा-गूदा…

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जन-गण-मन

रमाशंकर यादव विद्रोही मैं भी मरूंगाऔर भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगेलेकिन मैं चाहता हूंकि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरेंफिर भारत भाग्य विधाता मरेंफिर साधू के काका मरेंयानी सारे बड़े-बड़े लोग…

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गुलामी की अंतिम हदों तक लड़ेंगे

रमाशंकर यादव ‘विद्रोही‘ इस ज़माने में जिनका ज़माना है भाई उन्हीं के ज़माने में रहते हैं हम उन्हीं की हैं सहते, उन्हीं की हैं कहते उन्हीं की खातिर दिन–रात बहते…

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