ग़रीबी

  • Published
  • 1 min read
0 0
Read Time:16 Second

धूमिल

ग़रीबी
एक ख़ुली हुई क़िताब
जो हर समझदार
और मूर्ख के हाथ में दे दी गई है।
कुछ उसे पढ़ते हैं
कुछ उसके चित्र देख
उलट-पुलट रख देते
नीचे ’शो-केस’ के।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %